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मावजी महाराज की भविष्यवाणीया

 मावजी महाराज की भविष्यवाणीयाँ


1. डोरिये दिवा बरेंगा,

2. वायरे वात थायेगा,

3. परिये पाणी वेसाये,

 4. भेत में भबुका फूटेगा,

5. गऊं चोखा गणमा मले,

6. बामण बकरी राखेगा,

7. तरावे तम्बु तणासे,

8. बडद ने सर से भार उतरसे,

9. खारा समुद्र मीठडा होसे,

10. नीरउत्तर दिशा थी साहेबो आवसे,

11. बेटी ने तो बाप परणसे,

12. सारी न्यात जीमावेगा,

13. वऊ-बेटी काम भारे,

14. ने सासु पिसणा पीसेगा,

15. ऊंच नू नीच थासे नीच नूं ऊंच थासे,

16. हिन्दु-मुसलमान एक होसे,

17. एक थाली में जमण जीमासे,

18. न रहे जाति नो भेद,

19. धोलागढ ढोलकी वागे,

20. बेणेश्वर बेगको रसासे,

21. दिल्ली तम्बू तणाए,

22. चित्तौड ऊपर सोरी सितराए,

23. माण्डवगढ माण्डवो रोपाए,

24. तलवाडे तोरण बंदाए,

25. धरती माथे रे हेमर हालसे

26. चौदह लोक मए पाखण्डी पडसी,

27. असुरी आवी सामा-सामी मणसी,

28. पर्वत गरी ने पाणी थासे

30. हस्ती ना दूधे माट भरासी,

31. धोबी ने घेरे गाय सरेगा,

32. सब देवन का डेरा उठसेनिकलंक का डेरा रेसे,

33. सूना नगरे बाजारलक्ष्मी लुटसे लुकतणी, 

34. तेनी बारे ने बोमे देव रेकेटलाक खडक से हरसे, 

35. केटलाक मरसे रोगे रेहरे भाई स्त्री सणगार संजसी ने मंगल गावे, मेग रेपर्णा नर सू प्रीत तोडे और करे नर आदिन रे...’

36. अनन्त कुंवारियां नू दल जुनि मेलाण ऐसी लाख मयें हेमण हणसी,

37. समुद्र ने तीरे करसण ववासेकलमी कोदरो करणी कमासी।


• प्रारम्भ में मावजी महाराज को लोगो ने पागल समझा । वागड़ी में गांड़ा कहा गया ।

• “मावजी तो गाडो कैवाय महाराज ”

• किन्तु अब वर्तमान और भविष्य के लोग उनको और उनकी बातों को याद करेंगे।

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